Saturday 25 May 2013

पीसीआरएफ के बाकी बचे किरदार



पिछले ब्लॉग में पीसीआरएफ के 7  किरदार आपके सामने आये थे , जिनके बारे में कहने को , यूँ तो बहुत कुछ  था ,पर ब्लॉग में शायद इससे ज्यादा नही आ सकता था ! उन्हें आप उनके साथ वक्त बिताकर  बेहतर जान सकते हैं ! आप सच में खुश होंगे ! बच्चों जैसा भोलापन है सबमे ! कह सकते हैं कि अरविन्द की मासूमियत की छाया सब पर थोड़ी थोड़ी पड़ी है !
इस  बीच कुछ दोस्तों ने मजाक में कहा कि सिर्फ पीसीआरएफ ने पार्टी नही बनायीं, दिल्ली वालों की  ग़लतफ़हमी है ,कि आन्दोलन वही चला रहे हैं ! तो सबको बारे में लिखो ! दरअसल आन्दोलन सबका है ! पर कार्यकर्ताओं के बारे मे, नेताओं के बारे में आये दिन कुछ न कहा जाता रहा है, और लिखा जाता रहा है ! लेकिन ये लोग हमेशा परदे के पीछे रहे , पर्दा जब भी हटा , एक महान व्यक्तित्व के आगे इनकी भूमिका थोडी नज़रंदाज़ हो गयी  !
इसे लिखने का सबसे बड़ा मकसद यही था ,कि कहीं न कहीं इन्हें गलत समझा गया !  न जाने क्यों तरह तरह के पूर्वानुमान से सबने  खुद ही मान लिया कि तानाशाह है, किसी को भूमिका देना नही चाहते , काम बाँटना नही चाहते ! बाहर से आने वाले से आत्मीयता से नही मिलते !  सच ?????? 
कहीं किसी और गलत जगह तो नही घुस गए थे ! मुझमे लोगों को पढने और उन्हें समझने की कुदरती अच्छी समझ है ! जिस दिन से मैं यहाँ  गयी , मुझे बिलकुल एलियन का सा बर्ताव झेलना नही पड़ा ! सब  इतना अच्छा था , घरेलु सा, एक दम अपना सा , कि हम अलग अलग रंगों की तरह साथ घुल गए !
चलिए अब इस इमारत की एक और मंजिल  पर चलते हैं ! कुछ और किरदारों को  टटोलते हैं  !  इस तस्वीर के  कुछ और रंगों में ऊँगली डुबोते हैं !
अच्छा तो "राम" का नाम लेकर सबसे पहले आते हैं <<<<<मिताली>>>>>> पर    !   { राम अर्थात श्री राम, हे राम वाला राम  ...कहीं आप को लगे कि मैं राम भाई की बात कह रही हूँ }
मिताली आन्दोलन से शायद फरवरी २०१२ से जुडी हैं ! कहते हैं या तो आप अरविन्द को  रख सकते हैं या चैन को  .... आए दिन  कभी कोई जनसभा , कभी  प्रेस कांफ्रेंस , कभी  कोई पोल खोल , या  कहिये किसी  नेता की " बखिया  उधेड़ो प्रथा"  .... वहां बनने वाली वीडियो की कांट छांट मिताली के जिम्मे है ! काफी काम होता है ,मुझे  पता है !  "प्यारी सी लड़की है, बहुत ज्यादा बोलते नही देखा पर , एक बात जो उसे देखकर  नोटिस  की  ,कि वो ये कि इसके चेहरे पर हमेशा नवजात शिशु वाले हाव भाव रहते हैं , आँखों में इतना आश्चर्य कि  जैसे अभी दुनिया में आँख खोली हो , मालगाड़ी और इसमे रेस हो तो गुंजाइश है मालगाड़ी जीत जायेगी ! जंतर मंतर पर देखा था , मकड़ी के जालों से बिखरे  तारों में इस तरह उलझी रहती है , कि एक किलोमीटर  के  आयतन में  किसी   को फटकने नही देती !

<<<<जावेद भाई>>>>  रंगों के उस्ताद , रचनात्मकता के बादशाह , और  हुनर  के  धनी  ! वैसे तो बहुत से और काम करते हैं ! वेबसाइट बनाने वाले , ब्लॉग  वगरह , पर  पार्टी के परमानेंट वाले रंगरेज हैं ! बैनर बनाते हैं !  रोज़ हम किसी न  किसी पोस्टर बनाने वाले को  अगवा करके लाते हैं , मतलब उसकी रजामंदी से , पर  टिक नही पाता ! ये  टिके  हुए  बैनर मास्टर हैं !  एक बैनर बनाने वाले का काम  होता एक बहुत बड़े इवेंट को,  घटना को, बयान को , चंद  लफ़्ज़ों में , और चुटकी भर रंगों में पेश कर सके, जावेद भाई उस नव्ज़ को जानते हैं !  खासकर सोशल मीडिया पर तो मेहरबानी  बनी रहे यही इच्छा है

<<<<<रोहित>>>>>>हे हे हे हे हे हे हा हा हा हा हा हा हा ही ही ही ही ही ही !!   इसकी यही पहचान है !  पता नही इसने बचपन में  ऐसा कौन सा चुटकुला सुना था , कि हंसी गले में ही फांस बन कर फस गयी है !  यह "सारथि" है !  किसके ?? वही जो जन्माष्टमी को पैदा हुए थे ! अरे  कृष्ण नही " अरविन्द" ! इस जन्म में इसने कुछ ऐसा किया हो ये तो  पता नही, पर पिछले जनम के पुण्यों का फल  भगवान् ने ऐसे दिया कि अरविन्द की गाड़ी पर ये चालक अर्थात ड्राईवर हैं ! सुबह से लेकर रात तक उनके  हर सफ़र का  ये हिस्सा बनता है !  अरविन्द से सहानुभूति है , पर इसके  भाग्य  भगवान् टूट रहे  हैं ;)  अरे हाँ , अरविन्द को "<<<<नेता जी">>>> बोलता है !  बेहद खुशमिजाज़ इंसान है !

<<<<विनोद भाई >>>>  अन्ना आन्दोलन से भी पहले से है !  आन्दोलन का , प्रेस कांफ्रेंस का , इवेंट या किसी भी और कार्यक्रम का लाइव  दिखाते हैं !  सीधे साधे से  ,रोज़ जितना बोलने का कोटा घर से लाते होगे, आढे से ज्यादा वापिस घर ले जाते होंगे ! इनकी विशेषता <<<<< पुरानी फिल्मों में नही देखे थे क्या ? एक करैक्टर होता था , " हिसाबची मुंशी " ! उँगलियों पर  ऐसे नाप तोल कर हर बात का ,सामन का, हिसाब रखते हैं कि क्या कहूँ ?  अभी का  वाकिया है !  एक सेमिनार था ! गलती से अपनी नोट पैड नही ले गयी थी ! इनसे इनकी डायरी ले ली ! गलती से ! यकीन मानिए बाद में एहसास हुआ ,कि गलती ही थी ;)  उस डायरी में इनकी जान थी मुझे पता नही था ! पूरा 6 घंटे इनका ध्यान सिर्फ उसी  डायरी में था ! मज़े की बात   है  300 पन्नों से ज्यादा की डायरी के ढाई  पेज  भरने पर तपाक से बोले  "क्या पूरी डायरी भर दोगी आज ही " ;)  ?? थक कर मैंने वापिस कर दी, तो उन पेजों को फाड़ कर देते वक़्त चेहरे पर ऐसे भाव थे , जैसे अपने बैंक खाते में बची आखिरी  रकम मेरे हवाले कर रहे  हो !
<<<<बादल>>>>  कैमरा मैंन हैं आन्दोलन में ! कॉलिंग का काम भी  करते हैं कभी कभी  जब वक़्त हो !  मनीष के साथ कबीर में काफी काम कर चुके थे !  "स्टार न्यूज़ "   में  थे  पहले !   कहो  काजल की  कोठरी  से कोई काला हुए बिना नही निकलता, की कहावत को  धता बता आये ! सुख देखा नही गया  हमसे, तो  आन्दोलन में ले आये ;) खूब झंकार  सुनते थे वहां पैसे की, पर देश  भक्ति की तान  पर जो  कदम थिरकते हों ,  वो किसी भी रास्ते पर चलें ,   पीसीआर एफ   की   मंजिल  पर  जाते हैं !  इन्हें बिलकुल पछतावा नही कि  दौलत के धनी  एक खबरिया चैनल को छोड़कर हम खानाबदोश आन्दोलन कारीयों के साथ आ गए !  कहते हैं पर्रिवार है मेरा , काम करते करते वक़्त कैसे बीतता है, पता ही नही चलता !  सुख दुःख बाँट रहे हैं ,क्या कम है !

राम  भाई आप  इतना बढ़िया कंटेंट हो, कि किताब लिख सकती हूँ , आप पर  ! कभी फुर्सत में  आपको पन्नों पर ज़रूर उतारूंगी ! 
इस भाग में इतने लोगों से मुलाक़ात हुई !  ब्लॉग से  मेरा  मकसद  इन लोगों को खुश करना नही है, मेरे साथ इन सब के रिश्ते वैसे भी  मधुर  हैं ! मेरी कोशिश है , कि आप उन लोगों से मिले  जो  आपसे एक दम दूर हैं ! जिन  कैमरों से आप आन्दोलन को देखते हैं, उन्हें चलाने वाले  हाथों का एहसास   , आपको भी हो !  पूर्वानुमान से किसी को न पहचाने , जाने ! जब भी मिलें, कोशिश करें कि एक दम ताज़ी मुलाक़ात  हो !
मेरा निजी ब्लॉग है, इसलिए एक दम पारिवारिक भाषा का प्रयोग है, इसे आधिकारिक मान कर आरोप न लगाएं कि  "आप  ने   आपको  यही सिखाया है क्या " ??.........................
किरदार अभी बाकी हैं मेरे दोस्त .............................................................................................



2 comments:

  1. किरदार अभी बाकि है दोस्त.. :)

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  2. superb once again - sare blog se desh se door yahan baithee baithe wahan wali feeling aa rahi hai, aisa lag raha hai ki mai usi building me sabke beech baitha hoon hoon aur koi video chal raha hai, jyada kisi se tonhi mila but aisa lag raha hi ki sabko janta hoon kafi dino se........

    superb......aise hee likhti raho - god bless you - god bless aam aadmi

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